Detail of gst bill in hindi
5 मई को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) बिल (GST Bill)लोकसभा मे पारित हुआ । अब इसके समर्थको का कहना है की इसे राज्य सभा मे भी पारित किया जाए ताकि इसका अधीक से अधीक लाभ मिले। इसे पारित करने के लिए लोकसभा मे 5 मई वोटिंग हुई जिसमे कुल 389 वोट पड़े जिसमे से इसके पक्ष मे 352 तथा इसके विरोध मे 37 वोट पड़े तथा कॉंग्रेस ने वॉकआउट किया ।
वस्तु एवं सेवा कर (GST Bill) विधेयक बुधवार को लोकसभा मे पास हो गया। इस 122 वे सविधान संशोधन विधेयक के पक्ष मे 10 सदस्यो ने मतदान मे हिस्सा नही लिया तथा 352 पक्ष मे तथा 37 मत विरोध मे पड़े। कांग्रेस के सदस्यो का कहना था की इसे स्थाई समिति को भेजा जाए परंतु जब इसे स्थाई समिति को नहीं भेजा गया तो कॉंग्रेस के सदस्यो ने असंतोष जताते हुये वॉकआउट किया।
वोटिंग के समय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सदन मे उपस्थित नही थे परंतु दूसरे
बीजेपी सांसदो को इसमे मौजूद रहने के लिए सुबह आदेश जारी किया गया था। विधेयक पर हुई चर्चा मे अरुण जेटली ने कहा कि सरकार की एक समिति ने 27 प्रतिशत जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) (GST Bill) का प्रस्ताव किया । यह वैश्विक औसत 16.4% से काफी अधिक है वास्तविक दर काफी कम होगी।
13वे वित्त आयोग में कहा गया था की टेक्स 18% होना चाहिए परंतु राज्य सरकारो का कहना है की यह प्रतिशत 18 से ज्यादा होना चाहिए। अभी यह (GST Bill) बिल पारित जरूर हो गया है परंतु सरकार का इरादा इसे 1 अप्रैल 2016 मे लागू करने का है ।
यह (GST Bill) एक्साइज ड्यूटि, सर्विस टेक्स, वैट, एंट्री टेक्स तथा आकट्राय तथा अन्य राज्य करो की जगह लागू किया जाने वाला है परंतु यह (GST Bill) बिल अभी पेट्रोल और डीजल पर लागू नहीं होगा। (GST Bill) दिसम्बर 2014 मे लोकसभा मे पेश किया गया था। केंद्रीय वित्त मंत्री इसके चेयरमेन होंगे तथा काउन्सलिग के दो तिहाई सदस्य राज्यो के तथा एक तिहाई सदस्य केन्द्रो के होंगे। इस विधेयक मे अगर कोई भी नया फैसला लागू करना हो तो तीन चौथाई बहुमत जरूरी होगा।
इस विधेयक को लेकर राज्य सरकार संशय मे है परन्तु राज्य सरकारो को आश्वस्त करते हुये वित्त मंत्री ने कहा की इससे राज्य सरकारो को कोई नुकसान नही होगा। पहले 5 वर्ष तो जो भी नुकसान होगा उसकी भरपाई केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी। पहले तीन साल 100 प्रतिशत चौथे साल 75 प्रतिशत तथा पाचवे साल 50 प्रतिशत नुकसान का दिया जाएगा। अब तक जो सेवा कर केंद्र सरकार के खाते मे दिया जाता रहा है उसमे भी राज्य सरकार की हिस्सेदारी मिलेगी।
स्तु और सेवा कर (जीएसटी) पर संविधान संशोधन बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद शुक्रवार को लोक सभा में भी पेश कर दिया गया है। इसके साथ ही देश भर में जीएसटी को लागू करने की राह आसान हो गई है।
जीएसटी को इस दशक का सबसे अहम आर्थिक सुधार माना जा रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग लगने वाले सभी कर एक ही कर में समाहित हो जाएंगे।
इससे पूरे देश में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें लगभग एक हो जाएंगी। मैन्युफैक्चरिंग लागत घटेगी, जिससे उपभोक्ताओं के लिए सामान सस्ता होगा।
अप्रत्यक्ष कर की इस नई व्यवस्था से अर्थव्यवस्था को 60 लाख करोड़ रुपये का फायदा होगा। पेश है जीएसटी, अब तक इसके सफर और आगे की संभावना पर दीपक मंडल का विश्लेषण।
क्या है जीएसटी
जीएसटी एक वैट है, जो वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर लगेगा। मौजूदा दौर में वैट सिर्फ वस्तुओं पर लागू होता है। जीएसटी दो स्तरों पर लगेगा।
जीएसटी को इस दशक का सबसे अहम आर्थिक सुधार माना जा रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग लगने वाले सभी कर एक ही कर में समाहित हो जाएंगे।
इससे पूरे देश में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें लगभग एक हो जाएंगी। मैन्युफैक्चरिंग लागत घटेगी, जिससे उपभोक्ताओं के लिए सामान सस्ता होगा।
अप्रत्यक्ष कर की इस नई व्यवस्था से अर्थव्यवस्था को 60 लाख करोड़ रुपये का फायदा होगा। पेश है जीएसटी, अब तक इसके सफर और आगे की संभावना पर दीपक मंडल का विश्लेषण।
क्या है जीएसटी
जीएसटी एक वैट है, जो वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर लगेगा। मौजूदा दौर में वैट सिर्फ वस्तुओं पर लागू होता है। जीएसटी दो स्तरों पर लगेगा।
एक केंद्रीय जीएसटी होगा, जबकि दूसरा राज्य का। इससे पूरा देश एकीकृत बाजार में तब्दील हो जाएगा और ज्यादातर अप्रत्यक्ष कर जीएसटी में समाहित हो जाएंगे।
केंद्र के स्तर पर यह केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और अतिरिक्त सीमा शुल्क और राज्य स्तर पर वैट, मनोरंजन, विलासिता, लॉटरी टैक्स और बिजली शुल्क को समाहित कर लगेगा।
केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) खत्म हो जाएगा। प्रवेश शुल्क और चुंगी भी खत्म हो जाएगी। अलग-अलग टैक्स की बजाय एक टैक्स लगने की वजह से चीजों के दाम घटेंगे और आम उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
सरकार की टैक्स वसूली की लागत भी घट जाएगी। जीएसटी दर का खुलासा नहीं हुआ है। ज्यादातर देशों में यह 14 से 16 फीसदी तक है।
केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) खत्म हो जाएगा। प्रवेश शुल्क और चुंगी भी खत्म हो जाएगी। अलग-अलग टैक्स की बजाय एक टैक्स लगने की वजह से चीजों के दाम घटेंगे और आम उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
सरकार की टैक्स वसूली की लागत भी घट जाएगी। जीएसटी दर का खुलासा नहीं हुआ है। ज्यादातर देशों में यह 14 से 16 फीसदी तक है।
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